तुम गुणवंत मैं औगुन भारी - सहजोबाई जी - आरएसएसबी शबद
भक्ति सॉन्ग
ये शब्द भारतीय उपमहाद्वीप की विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं के संतों और मनीषियों द्वारा लिखे गए भजन या आध्यात्मिक कविताएँ हैं। शबद सत्य का एक गहरा संदेश देते हैं और हार्दिक भक्ति के साथ गाए जाते हैं। वे भगवान के साथ एकता के लिए आत्मा की तीव्र लालसा व्यक्त करते हैं। भक्ति के ये गीत प्रार्थना हैं जो सच्चे साधक को परम सत्य से संपर्क करने के लिए प्रेरित करते हैं - आंतरिक दिव्य संगीत जो हर प्राणी के भीतर गूंजता है।
अंग्रेज़ी अनुवाद:
आप पुण्य के स्रोत हैं
और मैं विकार स्वरूप हूँ।
हे प्रिय प्रभु, पतितों को छुड़ाने वाले,
तेरी शरण में रहते हुए मैं ने बहुत पाप किए हैं।
खाना, पीना, बात करना या चलना-
मैं हर समय बुरे काम करता हूँ।
तेरी कृपा ही मुझे मुक्त कर सकती है;
यदि आप मेरे कार्यों का न्याय करते, तो मुझे कभी क्षमा नहीं किया जा सकता था।
मैं माया द्वारा नियंत्रित और दास हूं, हे भगवान,
लेकिन आप स्वतंत्र हैं और भ्रम से परे हैं।
आप सभी के सर्वोच्च प्रभु हैं,
सभी प्राणियों के लिए स्वयं जीवन से प्रिय,
जबकि मैं एक अनाथ हूँ।
मुझे मुक्त करो और बिना देर किए मुझे पार कर दो, हे प्रभु -
भयभीत हूँ मैं अस्तित्व के सागर में।
मेरे गुरु चरणदास की कृपा से ही
कि सहजो ने तुम्हारी शरण ली है।
यह शब्द राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा प्रकाशित किया गया है।
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भजन विवरण
भजन का नाम : तुम गुणवंत मैं औगुन भारी - सहजोबाई जी - आरएसएसबी शबदगायक का नाम : राधा-ज़मी-सत्संग-बीस-ऑफिसियल
प्रकाशित तिथि : Feb. 16, 2022, 5:43 p.m.