मैया के दर पे नज़ारा उपलब्ध है | मैया के दार पे नज़र मिला है | माता भजन | कमल किशोर कवि
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गीत: मैये के दार पे नज़र मिला है गायक - लेखक: कमल किशोर कवि संगीत: आरबी स्टाइल आशीर्वाद: लखबीर सिंह लक्खा जी वीडियो: अनिल कुमार श्रेणी: हिंदी भक्ति (माता के भजन) निर्माता: अमरेश बहादुर, रामित माथुर लेबल: युकी ****** *********** पर हमारे साथ जुड़ें: ******** ***************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************************** होते हुए, +-अपने रिकॉर्ड किए गए गाने को हमारे नेटवर्क पर रिलीज करने के लिए कृपया +-गीत पर व्हाट्सएप करें:जहाँ तक ये मेरे पास है मेरी माँ की रेहमत आ. के दर पे नज़ारा सब मिलते-जुलते हैं मैया के मरों को मिलते हैं मैया ने चारी तक दीरें सबकी किश्ती को मिलती है मैया के दर पे................... आज माँ के जने की खुशियों की बात है कि मैं अच्छी तरह से समृद्ध हूं और माँ के गुण समृद्ध हूं, मैं आपसे बेहतर हूं कि गम के मरों को मिलते हैं मैया के दर पे..... .........भर दे दास मन में सुखी प्रकृति की कला की कलियों से महक जीवन की कला की तरह ही पापों को धोती माँ की चौखट से नज़ारा मिलती है गम के मारों को मिलते हैं। ............... बेसहारों को मिल हीवामाँ की मदीता का सह मिल हीकमल है जो पोर्ट से पेप्वे रेहमत बरगद का दिल गोगसबकी लखों में बीमारों की छुट्टी होगी। कोरा मिलते हैं मैया के दर पे..................
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भजन विवरण
भजन का नाम : मैया के दर पे नज़ारा उपलब्ध है | मैया के दार पे नज़र मिला है | माता भजन | कमल किशोर कविगायक का नाम : युकी म्यूजिक
प्रकाशित तिथि : March 17, 2022, 4:54 a.m.