माँ कात्यायनी की कथा - (नवदुर्गा की कथा - छटवां दिन) नवदुर्गा कथा प्रेम प्रकाश दुबे द्वारा
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माँ कात्यायनी की कथा - (नवदुर्गा की कथा - छटवां दिन ) नवदुर्गा कथा प्रेम प्रकाश दुबे द्वारा आध्यात्मिक गतिविधि - - माँ का नाम कात्यायनी कैसे सत्य भी एक कथा है- कथ एक चर्चित महर्षि थी। ऋग्वेद ऋषि कात्य। कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि का जन्म उत्पन्न हुआ। गुणा भगवती परांबा की उपासना। अपनी इच्छा माँ भगवती के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने यह वचन स्वीकार किया। कुछ समय के लिए देवत्व महिषासुर का अद्भुत पृथ्वी पर होगा जब विष्णु, विष्णु, विष्णु ने-ऐस्य का एक अद्वितीय महिषासुर के दैत्य के रूप में उत्पन्न होगा। महार्षि का दत्तायायन ने सर्वप्रथ्म इनकी पूजा की। इस प्रकार से ये कात्यायनी कहलां।ऐसी भी ऐसी दिखती है कि ये माहरोगी कात्यायन के वे पुरुष रूप में प्रकट होते हैं। अश्विन कृष्ण चतुर्दशी को चतुर्घ्षुक्त सप्तमी, अष्टमी और नवमी तक शुक कृष्ण को पावन में गोपियों की पूजा के लिए कालिन्दी-यमुना के तट पर थे। ये ब्रजमंडल की आदित्यात्री देवी के रूप में प्रिय हैं।माँ कात्यायनी का स्वरूप निखरीला और भास्वर है। चारण चारणें। माताजी की दाहिनी की तरफ़ से चलने वाला अभयमुद्रा में और वरमुद्रा में. बाई को नरफ के पासकारा हाथ में तलवार और नीके इलाय में कमल-पुष्प सुशोभत है। वाह्यवाही की धाकड़ और शाससाना द्वारा भाष्य को अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष की साइट पर बैठने की जगह। वह इस लोक में कुशल भी थे। आध्यात्मिक गतिविधि से "माँ कात्यायनी की कथा" देखें, प्रेम प्रकाश दुबे गीत द्वारा माँ कात्यायनी की कथा के भावपूर्ण मंत्र - माँ कात्यायनी की कथागायक-संगीत - प्रेम प्रकाश दुबे ( )गीत - पं. किरण मिश्राकॉपीराइट - शुभम ऑडियो वीडियो
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भजन विवरण
भजन का नाम : माँ कात्यायनी की कथा - (नवदुर्गा की कथा - छटवां दिन) नवदुर्गा कथा प्रेम प्रकाश दुबे द्वारागायक का नाम : स्पिरिचुअल एक्टिविटी
प्रकाशित तिथि : March 17, 2022, 4:39 a.m.