श्री रुद्राष्टकम स्तोत्र : 𝐒𝐇𝐈𝐕𝐀 | | | शिव भजन
भक्ति सॉन्ग
नमामि शमिशन निर्वाण रूपम | शिव रुद्राष्टकम स्तोत्रम | श्री रुद्राष्टकम स्तोत्रम | श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र | श्री रुद्राष्टकम् स्तोत्रम | शीव भजन
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रुद्राष्टकम एक अष्टकम या अष्टक (आठ छंदों वाली प्रार्थना) है जो श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित शिव की अभिव्यक्ति को समर्पित है। रुद्र को शिव की भयावह अभिव्यक्ति के रूप में माना जाता है, जिससे डरना चाहिए। शंकर को प्रसन्न करने के लिए स्तुति का यह आठ गुना भजन गाया गया था। जो भी इसका पाठ करेगा, उस पर भगवान शिव प्रसन्न होंगे।
श्रीरामचरितमानस में टाइप 'शिव रुद्राष्टकम' (शिव रुद्राष्टकम)- आप में अविश्वसनीय स्तुति है। ... श्रीरामचरितमानस में लंका विजय से पूर्व श्रीराम ने शिवजी के 'रुद्राष्टकम' (रुद्राष्टकम) स्तुति का पाठ किया और रावन पर विजय प्राप्त की। ️ अगर️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ है है हैं है हैं है हैं है हैं हैं हैं तब हैं है हैं हैं तब है है हैं हैं हैं तब। टेक्स्ट टेक्स्ट में टेक्स्ट टेक्स्ट शामिल हैं। .
बोल
नमामि शमिशन निर्वाण रूपम,
विभूम व्यापकम ब्रह्म वेदः स्वरूपम।
निजाम निर्गुणम निर्विकल्पम निरिहं,
चिदाकाशा माकाशा वासम भजे हम।
निराकारा मोनकारा मूलम तुरीयम,
गिरा ज्ञानन गोटिता मिइशम गिरिषम।
करालं महा काला कालम कृपालम,
गुणागारा संसार परम नातो हम।
तुषा राद्री संकाशा गौरम गभीराम,
मनोभूत कोटि प्रभा श्री सारिराम।
स्फुरन मौली कल्लोलिनी चारु गंगा,
लसाद भला बालेंदु कंठे भुजंगा।
चलतकुंडलम शुभ नेत्रम विशालम,
प्रसन्ना नानम् नीला कंठम दयालम।
मृगधिश चार्मांबरम मुंडामालम,
प्रियं शंकरम सर्वनाथं भजामी।
प्रकंदम प्राकृतम् प्रगलभम परेशम,
अखंडम आजम भानुकोटि प्रकाशम।
त्रैः शुला निर्मूलनं शुला पानीिम,
भजे हम भवानी पतिम भव गम्यम।
कलातितात कल्याण कल्पना कारी,
सदा सज्जन नंदा दाता पुररिह।
चिदानन्द संदोहा मोहपाहारी,
प्रसाद प्रसाद प्रभु मनमथारिह।
ना यवाद उमानाथा पदराविन्दम,
भजंतिहा लोके परेवा नारनम।
ना तवत सुखं शांति संतपा नाशम,
प्रसाद प्रभु सर्व भूत धिवासं।
ना जन्मी योगम जपं नैव पूजाम,
नातो हम सदा सर्वदा शंभु तुभयम।
जरा जन्म दुहखौघा ताताप्य मानम,
प्रभा पाही अपान नममिषा शम्भो।
रुद्राष्टकम इदं प्रोक्तम विप्रेना हरातोसाय,
ये पठानी नारा भक्ति तेसम शम्भुः प्रसिदति।
।।। इति श्री गोस्वामी तुलसीदासकृतम् श्री रुद्राष्टकम संपूर्णम।।
शीर्षक - शिव रुद्राष्टकम स्तोत्रम
गायक - स्नेहा सिंह
संगीत - समरपिट गोलानी
गीतकार - पारंपरिक
एल्बम - पवित्र मंत्र भजन खंड
प्रसिद्ध आरती
सबसे लोकप्रिय मंत्र
* संगीत की आध्यात्मिक प्रकृति को धर्म, संस्कृति या शैली द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है
* संगीत और आध्यात्मिक जीवन एक साथ चलते हैं; एक दूसरे का पूरक है
* संगीत आध्यात्मिक और कामुक जीवन के बीच मध्यस्थ है।
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भजन विवरण
भजन का नाम : श्री रुद्राष्टकम स्तोत्र : 𝐒𝐇𝐈𝐕𝐀 | | | शिव भजनगायक का नाम : लार्ड शिवा सांग्स
प्रकाशित तिथि : Feb. 26, 2022, 7:10 p.m.