श्रद्धा जैन - श्री गणेश चालीसा | भक्ति भजन | हर रोज चालीसा
भक्ति सॉन्ग
भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए प्रतिदिन गणेश चालीसा का जाप करें।
जय गणपति सद्गुण सदन,
कविवर बदन कृपाल,
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल
जय जय जय गणपति गणराजू,
मंगल भराना करण शुभ काजू,
जय गजबदन सदन सुखदाता,
विश्व विनायक बुद्धि विधान:
वक्रटुंडा शुचि शुंड सुहावन,
तिलक त्रिपुंडा भाल मान भवन,
राजाता मणि मुक्ताना उर माला,
स्वर्ण मुकुट शिरा नयना विशाला
पुस्तक पानी कुथार त्रिशूलम,
मोदक भोग सुगंधित फुलम,
सुन्दरा पीताम्बर ताना साजित,
चरण पादुका मुनि मन राजितो
धनी शिव सुवन शदानन भरत,
गौरी ललन विश्व-विख्याता,
रिद्धि सिद्धि तव चंवर सुधारे,
मूषक वाहन सोहत द्वारे
कहूं जन्म शुभ कथा तुम्हारी,
अति शुचि पवन मंगलकारी,
एक समय गिरिराज कुमारी,
पुत्र हेतु तप किन्हा भारी
भयो यज्ञ जबा पूर्णा अनुपा,
तबा पांच्यो तुमाधारी द्विज रूपा,
अतिथि जानी की गौरी सुखारी,
बहू विधि सेवा करि तुम्हारी
अति प्रसन्ना हवई तुम वरा दीन्हा,
माटू पुत्र मारो जो तप किन्हा,
मिल्ही पुत्र तुही, बुद्धि विशाल,
बिना गर्भ धारणा यही काला:
गणायक गुना ज्ञान निदान,
पूजिता प्रथम रूप भगवान,
आसा केही अंतरध्यान रूप हवाई,
पालना पर बालक स्वरूप हवाइज
बनिशिशु रुदन जबाही तुम थाना,
लखी मुख सुख नहीं गौरी समाना,
सकल मगन सुखा मंगल गावाहिन,
नाभा ते सुरन सुमन वर्षावाहिन
शंभू उमा बहुदान लुतावाहिन,
सुरा मुनिजाना सुता देखन आवाहिन,
लखी अति आनंद मंगल साजा,
देख भी आए शनि राजा
निजा अवगुण गनी शनि मान माहिं,
बालक देख चाहत नहीं,
गिरिजा कच्छू मन भेद बढ़ायो,
उत्सव मोरा ना शनि तुही भायो
कहानी लगे शनि मान सकुचाई,
का करिहौ शिशु मोहि दिखायी,
नहीं विश्वास उमा उरा भयौ,
शनि पुत्र बालक देखन कहौ
पदताहिन शनि द्रिगाकोना प्रकाश,
बालक सिरा उदी गायो आकाश,
गिरिजा गिरि विकला हवई धरनी,
सो दुख दशा गायो नहीं वाराणसी
हाहाकारा मच्यो कैलाशा,
शनि किन्हों लखी सूता को नशा,
तुरत गरुड़ चढी विष्णु सिद्धाय,
कटि चक्र सो गजशिरा लाए
बालक के ढाडा ऊपर धरयो,
प्राण मंत्र पाधि शंकर दारायो,
नाम 'गणेश' शंभू तबा किन्हे,
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे
बुद्धि परीक्षा जब शिव किन्हा,
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लिंहा,
चले शदानन भरामी भुलैई,
रचे बैठी तुम बुद्धि उपाई
चरण मातू-पीटू के धारा लिनहेन,
तिनके सात प्रदक्षिणा किन्हें
धनी गणेश कहीं शिव हिये हरश्यो,
नाभा ते सुरन सुमन बहू बरसे
तुम्हारी महिमा बुद्धि बदाई,
शेष सहसा मुख साके ना गई,
मैं मती हीन मलीना दुखारी,
करहुं कौन विधि विनय तुम्हारा
भजता 'रामसुंदर' प्रभुदास,
जग प्रयाग काकरा दुर्वासा,
अब प्रभु दया दीना पर कीजई,
मैं दोहा करूँगा
श्री गणेश ये चालीसा, पाठ करे धारा ध्यान l
नीता नव मंगला ग्रहा बेस, लहे जगत सम्मान l
संबंध अपना सहस्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ली
पूर्णा चालीसा भायो, मंगला मूर्ति गणेश l
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भजन विवरण
भजन का नाम : श्रद्धा जैन - श्री गणेश चालीसा | भक्ति भजन | हर रोज चालीसागायक का नाम : ओंक्लिक-भजन्स
प्रकाशित तिथि : Feb. 15, 2022, 10:10 p.m.