शिव चालीसा || शिव चालीसा || राकेश कला || सोमवार स्पेशल || मोर भक्ति भजन
भक्ति सॉन्ग
गीत भजन - शिव चालीसा
गायक - राकेश कला
संगीत - मोर म्यूजिक स्टूडियो (सिड सिन्हा)
संपादित करें - दीपक बाल्यान
लेबल - मोर म्यूजिक कंपनी ( )
ऑडियो स्टूडियो - मोर म्यूजिक ऑडियो रिकॉर्डिंग स्टूडियो
प्रोडक्शन हाउस - मोर डिजिटल रिकॉर्डिंग
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शिव चालीसा
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजाना
कहत अयोध्या दास तुम देव अभय वरदान
जय गिरिजा पति दिनदयाल
सदा करात संतान प्रतिपल
भाला चंद्रमा सोहत नाइके
कानन कुंडल नागफनी के
अंग गौर शिरा गंगा बहाये
मुंडामाला तन छारा लगाये
वस्त्र खाला बाघंबर सोहैन
छवि को देखा नागा मुनि मोहैनी
मैना मतू की हवाई दुलारी
वामा अंग सोहत छवि न्यारी
कारा त्रिशूल सोहत छवि भारी
करात सदा शत्रुन छायाकारी
नंदी गणेश सोहैं तहं कैसे
सागर मध्य कमल हैं जैसे
कार्तिक श्याम और गणारा-उ
या छवि को कहीं जाता न का-उ
देवन जबाही जय पुकार
तबाही दुख प्रभु आपा निवास
किया उपद्रव तारक भारी
देवन सब मिली तुमही जुहारी
तुरता शदानन आपा पथायौ
लव-नी-मेष महान मारी गिरयौ
आपा जालंधर असुर संहार
सुयश तुम्हारा विदित संसार
त्रिपुरासुर सना युद्ध मचाई
सबी कृपाकर लीना बचाई
किया तपहिन भगीरथ भारी
पूर्व प्रतिज्ञा तसु पुराणी
दानिन महान तुम समा को नहीं
सेवक अस्तुति करात सदाहिन
वेद नाम महिमा तब ग-इ
अकाथा आनंदी भेद नहीं पा-I
प्रगति उदय मंतन पुरुष ज्वाला
जरात सूरा-सुर भये विहार
किन्हा दया तहं कारी सारा-आई
नीलकंठ टैब नाम कहा-I
पूजन रामचंद्र जब किन्हा
जीती के लंका विभीषण दिनी
सहस कमाल में हो रहे धारी
किन्हा परीक्षा तबाहिन पुरारी
एक कमल प्रभु रखेउ जोई
कुशल-नैन पूजन चाह सोई
भये प्रसन्ना दिए-इच्छित वरि
जय जय जय अनंत अविनाशी
करात कृपा सबके घाट वासी
दुशता सकल नित मोहिन सातवई
भ्रामत रहे मोहिन चैन ना अवाय
त्राही-त्राही मैं नाथ पुकारो
याही अवसर मोहि आना उबारो
लाई त्रिशूल शत्रुन को मारो
संकट से मोहिन आना उबरो
माता पिता भरत सब होई
संकट में पुछत नहीं कोई
स्वामी एक है आशा तुम्हारी
अवा हरहु अबा संकट भारी
धन निर्धारण को देता सदा हाय
जो कोई जंचे सो फल पाहिनी
अस्ति केही विधि करई तुम्हारी
क्षमहू नाथ अबा चूका हमारा
शंकर हो संकट के निशान
विघ्न विनाश मंगल कर्ण
योगी यति मुनि ध्यान लगवाना
शरद नारद शीश नववैन
नमो नमो जय नमः शिवाय
सुरा ब्रह्मदिक पर न पाया
जो याह पाठ करई मन लाइ
तपर होता है शंभू साहा-I
रिनियां जो कोई हो अधिकारी
पाठ करई सो पवन हरी
पुत्र-हिन इच्छा कर कोई
निश्चय शिव प्रसाद तेही होई
पंडित त्रयोदशी को लवाई
ध्यान-पूर्वक होम करावै
त्रयोदशी व्रत करे हमेश
तन नहीं रहे कलेश ले लो
धूप दीपा नैवेद्य चरहवाई, शंकर संमुख पाठ सुनावे
जन्म जन्म के पाप नसेव, अंत वास शिवपुर में पवै
कहै अयोध्या आशा तुम्हारी, जानी सकल दुख हरहु हमारी
नित्य नेमा कारी प्रतिहि:
पाठ करौ चालीसी
तुम मेरी मन कामना
पूर्ण कराहू जगदीशी
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भजन विवरण
भजन का नाम : शिव चालीसा || शिव चालीसा || राकेश कला || सोमवार स्पेशल || मोर भक्ति भजनगायक का नाम : मोर-भक्ति-भजन
प्रकाशित तिथि : Feb. 16, 2022, 3:33 a.m.