रावण स्तुति | रांक स्तुति | भगवान शिव | शंकर महादेवन | टाइम्स संगीत आध्यात्मिक
भक्ति सॉन्ग
ट्रैक - रावण स्तुति
एल्बम - ज्योतिर्लिंग
गायक - शंकर महादेवन
भाषा - संस्कृत
गीत - अभिलाषी
संगीत - धीरज कुमार
संगीतकार - शारंग देव
लेबल - टाइम्स म्यूजिक स्पिरिचुअल
बोल:-
जातक: हसंभ्रमद भ्राम निलिम्पा निर्झरी
विलोला विचिवलरी विराज मन मुर्धनी
धगधगधग ज्वलत ललता पट्टा पावके
किशोर चंद्र शेखर रतिः प्रतीक्षाम मामा ||||
धारा धर्मेंद्र नंदिनी विलासा बंधु बंधुरा
स्फुरति गंठ संतति प्रमोद मन मनसे
कृपा कटक्ष धोरानी निरुधा दुर्धा रपाडी
क्वाचित दिगंबरे मनो विनोदमेतु वास्तुुनी ||||
जटा भुजंगा पिंगला स्फुरत फना मणि प्रभा
कदंब कुंकुम द्रव प्रलिप्ता दिग्वा धुमुखे
मदांधा सिंधुरा स्फूरा त्वगुत्तारी या मेदुरे
मनो विनोद मदभूतम विभर्तु भूत भारती ||||
सहस्र लोचन प्रभृत्य शेष लेख शेखर
प्रसुना धूलिधोरानी विधु सारंघी पीठभुः
भुजंगा राजा मलय निबाधा जटाक
श्रिया चिराय जयतम चकोरा बंधु शेखराह ||||
ललता चटवा राजवाला धनंजय स्फू लिंगभ:
निपिता पंच सयाकम नमन निलिम्पा नायकम्
सुधा मयूखा लेखय विराज मन शेखरम्
महा कपाली सम्पड़े शिरो जटा लमस्तु नः ||||
कराला भला पत्ती धागड़ धागड़ धागड़ ज्वाला
धनंजय हुति कृत प्रचंड पंच सयाके
धारा धर्मेंद्र नंदिनी कुचग्रा चित्र पत्रक
प्रकल्प नायक शिल्पिणी त्रिलोचन रतिर मामा ||||
नवीन मेघा मंडली निरुद्ध दुर्धा रासफुरात
कुहुनिशिथि नितामह प्रबंध बद्ध कंधारा:
निलिम्पा निर्झरी धारा स्तनोतु कृति सिंधुराह:
कला निदान बंधुराः श्रीं जगद धुरंधराह ||||
प्रफुल्ल नीला पंकज प्रपंच काली मप्रभ:
वलंबी कांथा कंडाली रुचि प्रभाध कंधारम
स्मराच्छिदां पुरच्चिदां भवच्च्छिदं मखच्छिदाम्
गजच्छिदांधा कच्छिदं तमंत कच्छिदां भजे ||||
अखरवा सर्व मंगला कला कदंब मंजरी
रस प्रवाह माधुरी विज्रम भानम धुव्रतम्:
स्मरंतकम पुरंतकम भवंतकम मखंतकम्
गजन्ता कांध कंटकम् तमंत कांतकम भजे ||||
जयतवाद भ्राविभ्रम भ्रामद भुजंगा मशवास
द्वि निर्गमत्क्रम स्फुरत कराला भला हव्यवती
धिमिद धिमिद धिमिधवनं मृदंगा तुंगा मंगला
ध्वनि कर्म प्रवर्तिता प्रचंड तांडवः शिवः ||||
द्रुषद्वी चित्रा तलपयोर भुजंगा मुक्ति कसराजो
गरिष्ठ रत्न लोष्ठयोः सुहरुद्वी पक्ष पक्षयोः
त्रुनारा विंदा चक्षुशोह प्रजा माही महेंद्रयोह
साम प्रकृतििकाः सामं प्रवर्तयन मनः
कड़ा सदा शिवं भजम्यहं ||||
कड़ा नीलिंपा निर्झरी निकुंज कोटरे वसंह
विमुक्त दुरमतिः सदा शिरः स्थान मंजालिम वहा
विमुक्त लोला लोचनो लालामा भला लगनकाही
शिवती मंत्र मुनचरण सदा सुखी भवम्यः ||||
इमाम ही नित्यमेव मुक्ता मुक्ता मोत्तमं स्तवम्:
पठान स्मरण ब्रुवन्नारो विशुद्धि मेति संतातम:
विमोहनं ही देहिनं सुशंकरस्य चिंताम ||||
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भजन विवरण
भजन का नाम : रावण स्तुति | रांक स्तुति | भगवान शिव | शंकर महादेवन | टाइम्स संगीत आध्यात्मिकगायक का नाम : टाइम्स म्यूजिक स्पिरिचुअल
प्रकाशित तिथि : Feb. 24, 2022, 2:51 p.m.