राधे अष्टमी विशेष भजन - राधे धुरंधर की | राधा अष्टमी विशेष राधा कृष्ण के भजन 2020
भक्ति सॉन्ग
राधाष्टमी देवी राधिका की जयंती के उपलक्ष्य में एक हिंदू अवकाश है। वह देवी महालक्ष्मी हैं, जैसा कि कुछ शास्त्रों में माना जाता है। लेकिन वह कृष्ण की हल्दिनी शक्ति और वैष्णव शास्त्रों में एक अलग देवी या शक्ति है
भाद्रपद की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी (राधा अष्टमी) का पर्व तिथि है। कृष्ण अष्टमी की तरह विशेष करुथ, वृंदावन और ब्रेना में बड़े ही धूमधाम और श्रद्ग जन्म से अच्छा है। पृथ्वी रानी का जन्म हुआ था। इसलिए देश के अन्य आकर्षक त्योहारों के लिए आकर्षक हैं। वृंदावन की अधीश्वरी को पसंद करते हैं। यह राधा जी को खुश होने के लिए भी खुश करता है। इस प्रकार राधा-कृष्ण की देखभाल की जाती है। विज्ञान में राधा जी को लक्ष्मी जी का परिवर्तन किया गया है। इसलिए यह लक्ष्मीपति भी हैं।
राधा अष्टमी (राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त) शुभ मुहूर्त
राधा अष्टमी गुरुवार, अगस्त, को
अष्टमी तिथि – अगस्त , को : पी एम बजे
अष्टमी तिथि तिथि – अगस्त , को : ए एम बजे
राधा अष्टमी (राधा अष्टमी पूजा विधि) विधि पूजा
इस सूर्योदय से पहले स्नान करें। फिर से सफाई। एक पीले रंग का वस्त्राएं। उस पर श्री राधा कृष्ण के रूप में फोटो या फोटो विराजित करें। प्रतिमाओं की मालाएं. चंदन का तिलक. साथ में पत्र भी. राधा रानी के मंत्रों का जाप करें। राधा चालीसा और राधा स्तुति का पाठ. श्री राधा रानी और श्री कृष्ण कृष्ण की आरती। आरती के बाद पीली या फलियां.
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सुबह की आरती गाने
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भजन विवरण
भजन का नाम : राधे अष्टमी विशेष भजन - राधे धुरंधर की | राधा अष्टमी विशेष राधा कृष्ण के भजन 2020गायक का नाम : भक्ति क्लासिक
प्रकाशित तिथि : Feb. 26, 2022, 6:11 a.m.