प्रदोष स्तोत्रम | शाम के मंत्र | रवींद्र साठे | धार्मिक
भक्ति सॉन्ग
रवींद्र साठे द्वारा गाया गया 'प्रदोष स्तोत्रम' 'शाम के मंत्र' से।
1॥ ये नार्च्यंती गिरिजीं समय प्रदोषी
ये नार्चितं शिवमपि प्रणमंति चाण्ये
ये तत्कथां श्रुति पेस्टैः न पीबन्तिमूढाः
ते जन्मसु भवन्ति नाराः दरिद्राः॥1॥
2 ये वै प्रदोष समय ईश्वर
कुरवंत्यन्यमनसोऽङ्घ्रिसरोजीपूजाम्
नित्य प्रवृद्धधन्य कलत्रपुत्र
सौभाग्यसंपदिकास्त इहैव लोके 2॥
मैं शांतिशेलभुवने त्रिजगज्जनित्रीम्
गौरी इन्वेंटरी
नर्तनं विधातुमभिवाञ्छति शूलपानौ
देवाः प्रदोष समय नती सर्वर ॥॥
4 गन्धर्वयक्षपतगोरग सिद्धसाध्य
विद्याधरमरवरपसंस्करण गणश्च:
येऽन्ये त्रिलोकनिलयाः सहभूत कक्षाः
प्राप्त प्रदोष समय हरपार्श्वसंस्थाः 4॥
5॥अतः प्रदोषे शिव एक इव्स
पूज्योऽथ नान्ये हरिपद्मजाद्याः
तस्मिन्हेहे विधिनेज्यमाने
सर्व प्रस्थिति सुराधिनाथाः॥5॥
क्रेडिट
गायक - रवींद्र साठे
संगीतकार - केदार पंडित
गीत - पारंपरिक
भाषा - संस्कृत
लेबल - टाइम्स संगीत
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भजन विवरण
भजन का नाम : प्रदोष स्तोत्रम | शाम के मंत्र | रवींद्र साठे | धार्मिकगायक का नाम : टाइम्स म्यूजिक स्पिरिचुअल
प्रकाशित तिथि : Feb. 24, 2022, 3:16 p.m.