मंगल विशेष : जय शिव ओम्कारा : शिव जी की आरती : ओम जय शिव ओंकारा : शिव जी की आरती
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सोमवार विशेष: ओम जय शिव ओमकारा: शिव जी की आरती: ओम जय शिव ओमकारा: शिव जी की आरती पामेला जैन द्वारा
जय शिव ओंकारा : Lyrics In Hindi
जय शिव ओंकारा, Om जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा।
जय शिव ओंकार
अचानक चतुरनन पंचानन राजे।
हर्षासन गरुड़ासन वृषभवाहन
जय शिव ओंकार
दो भुजाएँ, चार चतुर्भुज, तेनाभ बहुत सो रहे हैं।
त्रिभुवन जन मोहे, जो तीन गुणों के रूप में चमकते हैं।
जय शिव ओंकार
अक्षमाला वनमाला मुंडमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी ने उन्हें माल्यार्पण किया।
जय शिव ओंकार
श्वेतांबर पीतांबर बाघमबारा अंगे।
सनकदिक गरुणादिक भूतादिक संग
जय शिव ओंकार
कर के बीच में कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।
सुखी दु: खी विश्व देखभालकर्ता
जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानते हैं कि वह अनिर्णायक हैं।
ये तीनों एक हैं, प्रणवक्षर में सुशोभित हैं।
जय शिव ओंकार
पार्वती के साथ लक्ष्मी और सावित्री।
पार्वती अर्धांगी, शिवलहरी गंगा।
जय शिव ओंकार
पर्वत सो रहा है पार्वती, शंकर कैलास।
भांग का आहार, धतूरा, राख में राख।
जय शिव ओंकार
बालों में गंगा बह रही है, गले की माला मुंडा है।
शीश सर्प लिपटा हुआ, मृगों से आच्छादित।
जय शिव ओंकार
विश्वनाथ नंदी ब्रह्मचारी काशी में विराजमान हैं।
उठो और देखो, महिमा बहुत भारी है।
जय शिव ओंकार
त्रिगुणास्वामी जी की आरती जो किसी भी पुरुष को करनी चाहिए।
कहत शिवानंद स्वामी को सुख और धन की प्राप्ति होती है।
जय शिव ओंकार
अंग्रेजी में आरती के बोल
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
एकनन चतुरनन पंचानन राजे
हंसनन गरुरासन वृषवाहन साजे
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
दो भुज चार चतुर्भुज दास भुज ते सोहे
टीनो रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहेय
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
अक्षमाला बनमाला मुंडमाला धारी
चंदन मृगमद सोहे भोले शुभकारी
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
श्वेतांबर पीतांबर बागंबर अंगे
संकादिक ब्रह्मदिक भूतादिक संग्यो
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
कार्के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूल धरता
जगकार्ता जगभारत जगसंहारकार्ता
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव जनत अविवेक
प्रणवक्षर मधे ये तीनो एक
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी मनवांचित फल पावे
Om जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा
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भजन विवरण
भजन का नाम : मंगल विशेष : जय शिव ओम्कारा : शिव जी की आरती : ओम जय शिव ओंकारा : शिव जी की आरतीगायक का नाम : भजन-इंडिया
प्रकाशित तिथि : Feb. 16, 2022, 8:49 p.m.