मंगल की सेवा सुन मेरी देवा | नरेंद्र चंचल | काली माता की आरती | काली माता भजन
भक्ति सॉन्ग
गीत क्रेडिट:
गायक (ओं): नरेंद्र चंचल
संगीत निर्देशक: सुरिंदर कोहली
गीतकार: बलबीर निर्दोष
काली माता का महत्व और काली माता की आरती के लाभ:
अपने भयानक रूप के बावजूद, काली माँ को अक्सर सभी हिंदू देवी-देवताओं में सबसे दयालु और सबसे प्यारी माना जाता है, क्योंकि उनके भक्तों द्वारा उन्हें 'संपूर्ण ब्रह्मांड की माँ' के रूप में माना जाता है।
काली माँ है 'अखंड सच्चिदानंद;' अविभाज्य वास्तविकता, जागरूकता और आनंद।
काली की सबसे आम चार सशस्त्र प्रतिमा छवि दिखाती है कि प्रत्येक हाथ में एक तलवार, एक त्रिशूल (त्रिशूल), एक कटा हुआ सिर और एक कटोरी या खोपड़ी-कप (कपाल) है जो कटे हुए सिर के खून को पकड़ता है।
इनमें से दो हाथ (आमतौर पर बाएं) एक तलवार और एक कटा हुआ सिर पकड़े हुए हैं। तलवार 'दिव्य ज्ञान' का प्रतीक है और मानव सिर 'मानव अहंकार' का प्रतीक है जिसे 'मोक्ष' प्राप्त करने के लिए दिव्य ज्ञान द्वारा मारा जाना चाहिए।
अन्य दो हाथ (आमतौर पर दाएं) अभय (निडरता) और वरदा (आशीर्वाद) मुद्रा में होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके दीक्षित भक्त (या सच्चे दिल से उनकी पूजा करने वाला कोई भी) बच जाएगा क्योंकि वह उन्हें यहां और में मार्गदर्शन करेगी। इसके बाद।
उसके पास कोई स्थायी गुण नहीं है - ब्रह्मांड के समाप्त होने पर भी उसका अस्तित्व बना रहेगा। वह शुद्ध, अव्यक्त ऊर्जा, "आदि-शक्ति" है।
काली माँ की आरती का नियमित पाठ करने वाले को देता है:
) मन की शांति,
) आपके जीवन से सभी बुराईयों को दूर रखता है
) आपको स्वस्थ, समृद्ध और समृद्ध बनाता है
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गाना
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े
पान सुपारी ध्वज नारियाल
ले ज्वाला तेरी भेट धरे
ले ज्वाला तेरी भेट धरे।
सुन जगदम्बे ना कर विलाम्बे,
संतान के भंडार भरे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे
बुद्ध विधाता तू जग माता,
मेरा करज सिद्ध करे
मेरा करज सिद्ध करे।
चरण कमल का लिया आसरा,
शरण तुम्हारी आन पडे
शरण तुम्हारी आन पड़े।
जब जब भीद पाए भक्ति पर,
टैब टैब आप सहाय करे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे मां
जय काली कल्याण करे।
गुरु के वार सकल जग मोहयो,
तरुणी रूप अनूप धरे
तरुणी रूप अनूप धरे।
माता होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे
कही भार्या भोग करे।
शुक्र सुखादाई सदा सहाय,
संत खड़े जयकार करे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे
जय काली कल्याण करे।
ब्रह्मा विष्णु महेश फाल लिए,
भेट देने तेरे द्वार खड़े
भेट देने तेरे द्वार खड़े।
अटल सिंघासन बैठा माता,
सर सोने का छात्र फिरे
सर सोने का छात्र फिरे।
वार शनिचर कुकम बरनी,
जब लुंकड़ पर हुकुम करे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे मां
जय काली कल्याण करे।
खडग खप्पर त्रिशूल हाथ लिए,
रक्त बिज को भस्म करे।
शुंभ निशुंभ को कशन में मारे,
महिषासुर को पक्का दल
महिषासुर को पके दल।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने को कश्त हरे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे मां
जय काली कल्याण करे मां।
कुपिट होकर दानव मारे,
चंदामुंड सब चूर करे
चंदामुंड सब चूर करे।
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में संकट दूर करे
पल में संकट दूर करे।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जान की अरज कबूल करे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे मां
जय काली कल्याण करे।
सात बार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे
सब गुण कौन बखान करे।
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे
अटल भवन में राज करे।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेट धरे
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे मां
जय काली कल्याण करे।
ब्रह्म वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरि ध्यान करे
शिव शंकर हरि ध्यान करे।
इंद्र कृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर कुबेर दुले रहे
चंवर कुबेर दुले रहे।
जय जननी जय माटू भवानी,
अटल भवन में राज करे।
संतान प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे मां
जय काली कल्याण करे।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े
पान सुपारी ध्वज नारियाल
(ले ज्वाला तेरी भेट धरे)
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भजन विवरण
भजन का नाम : मंगल की सेवा सुन मेरी देवा | नरेंद्र चंचल | काली माता की आरती | काली माता भजनगायक का नाम : टिप्स-भक्ति-प्रेम
प्रकाशित तिथि : Feb. 17, 2022, 8:25 a.m.