हॉली के पर्व पर भोज में इस तरह के महसूस होने वाले मनोविकार जैसे पूर्ण प्रकट होते हैं
भक्ति सॉन्ग
होली के त्योहार पर सुनिए भगवान भोलेनाथ की ये आरती, इससे हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
#होलीभजन, #होली
Om जय शिव ओंकारा ~ शिव आरती को पूरी श्रद्धा से सुनें, आपके सभी बुरे काम होंगे।
शिव की आरती
जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा।
जय शिव ओंकार
अकनन चतुरनन पंचानन राजे।
हर्षासन गरुड़ासन वृषवाहन
जय शिव ओंकार
दो भुजाएँ, चार चतुर्भुज, दस त्रिभुज बहुत सो रहे हैं।
त्रिगुणा की तरह दिखने वाले त्रिभुवन जन मोहे।
जय शिव ओंकार
अक्षमाला वनमाला मुंडमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी ने उन्हें माल्यार्पण किया।
जय शिव ओंकार
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
संकादिक गरुणादिक भूतादिक संगीत
जय शिव ओंकार
कर के बीच में कमंडल चक्र में एक त्रिशूल होता है।
सुखी उदास दुनिया
जय शिव ओंकार
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानते हैं कि वह अनिर्णायक हैं।
मधु-कटभ का वध करो, स्वर को निर्भय बनाओ।
जय शिव ओंकार
पार्वती के साथ लक्ष्मी और सावित्री।
पार्वती अर्धांगी, शिवलहरी गंगा।
जय शिव ओंकार
पर्वत सो रहा है पार्वती, शंकर कैलास।
भांग धातुर का भोजन राख में खाया जाता है।
जय शिव ओंकार
बालों में गंगा बह रही है, माला की माला मुंडाई हुई है।
शेष सांप लपेटा हुआ, हिरण से ढका हुआ।
जय शिव ओंकार
विश्वनाथ नंदी ब्रह्मचारी काशी में विराजमान हैं।
उठो और महिमा को देखो, महिमा बहुत भारी है।
जय शिव ओंकार
जो कोई भी त्रिगुणस्वामी जी की आरती गाता है।
कहत शिवानंद स्वामी, मनचाहा फल प्राप्त करें।
जय शिव ओंकार
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भजन विवरण
भजन का नाम : हॉली के पर्व पर भोज में इस तरह के महसूस होने वाले मनोविकार जैसे पूर्ण प्रकट होते हैंगायक का नाम : माधव-भक्ति
प्रकाशित तिथि : Feb. 16, 2022, 4:07 a.m.