काशी के वासी है अविनाशी : हर हर भोले : दया के दृष्टि दोष हम पर : हर हर महादेव
भक्ति सॉन्ग
काशी के वासी है अविनाशी : हर हर भोले : दया के नजर में हम पर : हर हर महादेव
हर हर हर हर भोले
काशी के समान है अविनाशी
खुशखबरी सुख देने वाले
काशी के समान है अविनाशी
खुशखबरी सुख देने वाले
आलख निरंजन
दया के द्रीतिहास धारण करें हम पर
हे भुतेश्वर बाबा
हर हर हर हर भोले
विषय से दूर आपस में संबंधित हैं
लपेटा हुआ लपेटा हुआ
हर हर भोले हर हर भोले
विषय से दूर आपस में संबंधित हैं
लपेटा हुआ लपेटा हुआ
आखो में है आपके सर पे गंगा साजे है
कानो में है कुण्डल और खराबपे मुंड विराजे है
आखो में है आपके सर पे गंगा साजे है
कानो में है कुण्डल और खराबपे मुंड विराजे है
काशी के समान है अविनाशी
खुशखबरी सुख देने वाले
आलख निरंजन
दया के द्रीतिहास धारण करें हम पर
हे भुतेश्वर बाबा
देवो में महादेव तुम भोले बाबा ज्ञानी हो
भक्तो का कलीसिया बकङ बाबा दानी हो
देवो में महादेव तुम भोले बाबा ज्ञानी हो
भक्तो का कलीसिया बकङ बाबा दानी हो
भांग धतूरा बड़े चाव से जो तुजकोटे है
शरण में रहने वाली हेयर
भांग धतूरा बड़े चाव से जो तुजकोटे है
शरण में रहने वाली हेयर
काशी के समान है अविनाशी
खुशखबरी सुख देने वाले
आलख निरंजन
दया के द्रीतिहास धारण करें हम पर
हे भुतेश्वर बाबा
हर हर हर भोले
काशी के वासी है अविनाशी
दुख भंगन सुख कराटा
काशी के वासी है अविनाशी
दुख भंगन सुख कराटा
विश्व धर रे शंभू परनेश्वर अलख निरंजन कराटा
दया के दृष्टि रखना हम परी
हे भूतेश्वर बाबा
हर हर हर भोले
विश्वो से दूर हो तुम रिश्ता उसीे हुए
माया का छोड हो तुम सर्प लपेटे हुए
हर हर भोले हर हर भोले
विश्वो से दूर हो तुम रिश्ता उसीे हुए
माया का छोड हो तुम सर्प लपेटे हुए
आखो में है तो तेरे सर पे गंगा साजे हैं
कानो में है कुंडल और गलेपे मुंड विराजे है
आखो में है तो तेरे सर पे गंगा साजे हैं
कानो में है कुंडल और गलेपे मुंड विराजे है
काशी के वासी है अविनाशी
दुख भंगन सुख कराटा
विश्व धर रे शंभू परनेश्वर अलख निरंजन कराटा
दया के दृष्टि रखना हम परी
हे भूतेश्वर बाबा
देवो में महादेव तुम भोले बाबा ग्यानी हो
भक्तों का कल्याण कराटे बकन बाबा दानी हो
देवो में महादेव तुम भोले बाबा ग्यानी हो
भक्तों का कल्याण कराटे बकन बाबा दानी हो
भांग धतूरा बड़े चाव से जो तुझे चढ़ते हैं
तेरी शरण में जॉबी आते दुख सारे मिट जाते हैं
भांग धतूरा बड़े चाव से जो तुझे चढ़ते हैं
तेरी शरण में जॉबी आते दुख सारे मिट जाते हैं
काशी के वासी है अविनाशी
दुख भंगन सुख कराटा
विश्व धर रे शंभू परनेश्वर अलख निरंजन कराटा
दया के दृष्टि रखना हम परी
हे भूतेश्वर बाबा
गीत: काशी के वाशियो
संगीतकार और संगीत: अविजीत दासो
गायक: अविजीत दासो
गीतकार: कुमार मोहित
* संगीत की आध्यात्मिक प्रकृति को धर्म, संस्कृति या शैली द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है
* संगीत और आध्यात्मिक जीवन एक साथ चलते हैं; एक दूसरे का पूरक है
* संगीत आध्यात्मिक और कामुक जीवन के बीच मध्यस्थ है।
जीवन के लिए भगवान शिव के गीत #शिव #शिव #ओमजयशिवोमकारा #ॐ #ओमनामः शिवाय #शिवाआरती #पूजा #भगवान शिव #भगवान शिव #हिंदू #शिवआरती #शिवभजन #शिवस्पेशलभजन के लिए सर्वश्रेष्ठ गंतव्य
भजन विवरण
भजन का नाम : काशी के वासी है अविनाशी : हर हर भोले : दया के दृष्टि दोष हम पर : हर हर महादेवगायक का नाम : लार्ड शिवा सांग्स
प्रकाशित तिथि : Feb. 26, 2022, 7:10 p.m.